सुंदरकांड पठन उत्सव

 सुंदरकांड पठन उत्सव
 सुंदरकांड पठन उत्सव

सभी श्रद्धावान जिसकी अत्यधिक प्रतीक्षा कर रहे थे, उस ‘ सुंदरकांड पठन उत्सव ’ की, मंगलवार १७ मई २०१६ से शुरुआत हुई। 


हनुमानजी तो पहले से ही सभी श्रद्धावानों के लाड़ले देवता हैं; ऊपर से ‘सुंदरकांड’ जैसे, ‘तुलसीरामायण’ के बहुत ही मधुर भाग का पठन, इस तरह यह मानो ‘सोने पे सुहागा’ ही रहनेवाला कार्यक्रम होने के कारण, सुबह से ही श्रद्धावान बड़ी संख्या में पठन में सम्मिलित होने के लिए आ रहे हैं और भक्तिमयी वातावरण में हर्षोल्लास के साथ पठन शुरू है। इस कार्यक्रम के उपलक्ष्य में मुख्य मंच पर की हुई सजावट बहुत ही नयनरम्य होकर, उसमें रामपंचायतन की मूर्तियाँ एवं हनुमानजी की तसवीर श्रद्धावानों का ध्यान आकर्षित कर रही हैं। 

इस परमपवित्र पठन के लिए २७ प्रशिक्षित पुरोहितों के वृंद को आमंत्रित किया गया होकर, वे अत्यधिक प्रेम के साथ और अलग अलग मधुर धुनों में यह पठन अथक रूप में कर रहे हैं। इस कार्यक्रम के लिए केवल महाराष्ट्र से ही नहीं, बल्कि भारत के अन्य प्रदेशों से भी श्रद्धावान पधार रहे हैं। उनमें से कई जन तो पाँचों दिन इस उत्सव में सम्मिल्लित होने के लिए, ५ दिन की छुट्टी लेकर आये हैं। 

इस ‘सुंदरकांड पठन उत्सव’ में पठन करनेवालें श्रद्धावानों के भावविश्‍व में, यह समारोह यक़ीनन ही, सदा के लिए एक चिरंतन मधुर स्मृति बनकर रहेगा!

पंचमुखहनुमत्कवचम् विवेचन 01-03

Panchamukh Hanumanta
Panchamukh Hanumanta

पंचमुखहनुमत्कवचम् विवेचन – ०१ (Panchamukha-Hanumat-kavacham Explanation- 01) – By Aniruddha Bapu